आचार्य चाणक्य कुशाग्र बुद्धि के धनी थे। उन्हें कई विषयों की गहरी समझ थी। उन्होंने तक्षशिला से शिक्षा ग्रहण की और वहीं पर आध्यापक भी हुए। चाणक्य एक कुशल राजनीतिक होने के साथ कुशल अर्थशास्त्री भी थे। चाणक्य के द्वारा नीतिशास्त्र में बताई गई बातें मनुष्य के जीवन के लिए अनमोल हैं। रिश्तों के बारे में चाणक्य कहते हैं कि अच्छे और बुरे रिश्तों की पहचान बुरे समय में ही होती है। चाणक्य कहते हैं कि बुरे समय में व्यक्ति को कभी भी अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए। चाणक्य नें ऐसे तीन रिश्तों के बारे में बताया है जिनकी परख बुरे समय में होती है। जानते हैं कि वे तीन रिश्ते कौन से हैं।