पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
नई दिल्ली। बिना शर्त वार्ता और बुराड़ी के निरंकारी मैदान नहीं जाने पर अड़े हजारों किसान सोमवार को लगातार पांचवें दिन सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर डटे रहे। सिंघु बार्डर पर ही किसान संगठनों के बीच गहन विमर्श हुआ और इसके बाद शाम को प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि आंदोलन का स्वरूप अब राष्ट्रीय हो गया है। इसमें सिर्फ पंजाब के किसान संगठन ही शामिल नहीं हैं। किसानों की यह निर्णायक लड़ाई है, बगैर मांग पूरी हुए कदम पीछे नहीं हटेंगे। आंदोलन को तेज करने के लिए दिल्ली का पांच तरफ से घेराव किया जाएगा। उधर, किसानों के बॉर्डर से न हटने की रणनीति को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पांचों बॅार्डर पर सुरक्षा इंतजाम और कड़े कर दिए हैं और दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा है।
किसान संगठनों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसान दिल्ली में अपने मन की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनाने आए हैं। बात नहीं सुनने पर सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा। आंदोलन को सिर्फ पंजाब के किसानों तक सीमित होने के आरोपों को खारिज करते हुए एआईकेएससीसी के योगेंद्र यादव ने कहा कि यह अब राष्ट्रीय हो गया है। सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं है, बल्कि 30 किसान संगठन इसकी अगुवाई कर रहे हैं। हरियाणा की करीब 100 खाप पंचायतों के साथ देशभर के किसान नेता सिंघु बार्डर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा, 32 साल पहले चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के जमाने में एक साथ इतने किसान जुटे थे। इस आंदोलन ने उसी की छाप छोड़ी है।
दिल्ली में प्रवेश के रास्तों पर सुरक्षा बढ़ाई
सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसान व पुलिस बल आमने-सामने बैठे रहे, जबकि गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह दो बार बेरिकेडिंग तोड़कर राजधानी में घुसने का प्रयास किया। एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर जर्सी बैरियर लगा दिए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हालात को देखते हुए राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई। सिंघु, टीकरी व गाजीपुर बॅार्डर के अलावा दिल्ली-मथुरा व दिल्ली-जयपुर हाइवे पर भी अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। नई दिल्ली इलाके में थोड़ी-थोड़ी दूर पर पिकेट लगाकर आने-जाने वाले लोगों की जांच की जा रही है। इंडिया गेट, संसद भवन, जंतर-मंतर समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
नई दिल्ली। बिना शर्त वार्ता और बुराड़ी के निरंकारी मैदान नहीं जाने पर अड़े हजारों किसान सोमवार को लगातार पांचवें दिन सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर डटे रहे। सिंघु बार्डर पर ही किसान संगठनों के बीच गहन विमर्श हुआ और इसके बाद शाम को प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि आंदोलन का स्वरूप अब राष्ट्रीय हो गया है। इसमें सिर्फ पंजाब के किसान संगठन ही शामिल नहीं हैं। किसानों की यह निर्णायक लड़ाई है, बगैर मांग पूरी हुए कदम पीछे नहीं हटेंगे। आंदोलन को तेज करने के लिए दिल्ली का पांच तरफ से घेराव किया जाएगा। उधर, किसानों के बॉर्डर से न हटने की रणनीति को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पांचों बॅार्डर पर सुरक्षा इंतजाम और कड़े कर दिए हैं और दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा है।
किसान संगठनों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसान दिल्ली में अपने मन की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनाने आए हैं। बात नहीं सुनने पर सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा। आंदोलन को सिर्फ पंजाब के किसानों तक सीमित होने के आरोपों को खारिज करते हुए एआईकेएससीसी के योगेंद्र यादव ने कहा कि यह अब राष्ट्रीय हो गया है। सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं है, बल्कि 30 किसान संगठन इसकी अगुवाई कर रहे हैं। हरियाणा की करीब 100 खाप पंचायतों के साथ देशभर के किसान नेता सिंघु बार्डर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा, 32 साल पहले चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के जमाने में एक साथ इतने किसान जुटे थे। इस आंदोलन ने उसी की छाप छोड़ी है।
दिल्ली में प्रवेश के रास्तों पर सुरक्षा बढ़ाई
सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसान व पुलिस बल आमने-सामने बैठे रहे, जबकि गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह दो बार बेरिकेडिंग तोड़कर राजधानी में घुसने का प्रयास किया। एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर जर्सी बैरियर लगा दिए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हालात को देखते हुए राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई। सिंघु, टीकरी व गाजीपुर बॅार्डर के अलावा दिल्ली-मथुरा व दिल्ली-जयपुर हाइवे पर भी अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। नई दिल्ली इलाके में थोड़ी-थोड़ी दूर पर पिकेट लगाकर आने-जाने वाले लोगों की जांच की जा रही है। इंडिया गेट, संसद भवन, जंतर-मंतर समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।